सुनंदा की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर को साढ़े सात साल पहले आरोपी बनाया था और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 498 A के तहत केस दर्ज किया था लेकिन आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने थरूर को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
17 जनवरी को दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। सुनंदा पुष्कर ने ठीक मौत से कुछ दिनों पहले ही आरोप लगाया था कि थरूर की एक पाकिस्तानी महिला पत्रकार से उनका संबंध हैं। शशि थरूर को आईपीसी की धारा के तहत आरोपी बनाया गया था, अगर उस तहत शशि थरूर दोष साबित हो जाता तो उन्हें 10 साल तक कैद की सजा भी मिल सकती थी। शशि थरूर पर अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और उनके साथ क्रूरता से पेश आने का आरोप लगाया गया था।

हम बतादें कि शशि थरूर की ये तीसरी शादी थी। परन्तु शादी के ४ साल बाद दोनों के बीच अनबन की खबर मिडिया तक पहुंच रही थी इसके कुछ दिन बाद ही सुनंदा की मौत की खबर मिली। दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें सुनंदा पुष्कर के भाई का और उनके नौकर का बयान था की वो अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश थी लेकिन उनके मौत से कुछ दिन पहले वो उनके आपसी जीवन में काफी तनाव था। इनके आपसी जीवन में काफी लड़ाई होती रहती थी।
इस मामले में शशि थरूर पर केस दर्ज किया गया था। फॉरेंसिक साइंस ऑटोप्सी एनालिसिस रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि सुनंदा पुष्कर मेंटल टेंशन में थीं और कई दिनों से खाना तक छोड़ दिया था. वो लगातार स्मोकिंग करती थीं। रिपोर्ट में नेचुरल डेथ नहीं होने की आशंका भी जताई गई थी।