कर्नाटक के उडुपी में पिछले दिनों एक सरकारी कॉलेज में हिजाब पहनने वाली छात्राओं के कक्षाओं में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के बाद कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद और बढ़ गया है। इस बीच कर्नाटक शिक्षा मंत्री ने कहा है कि पहले ये छात्राएं क्लास में हिजाब पहनकर नहीं आती थींं। ये सब 20 दिन से शुरू हुआ है।
हिजाब को लेकर विवाद उस समय आया है जब उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की अन्य छात्राओं ने हिजाब पहनने के अपने ‘संवैधानिक अधिकारों’ के लिए लड़ाई शुरू की है। इस मामले में एक छात्रा ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। हिजाब पहने मुस्लिम छात्राओं का एक वीडियो गुरुवार को वायरल हो गया, जिसमें छात्राओं को उनके कालेज के प्रिंसिपल छात्राओं को बिना स्कार्फ के उनकी परीक्षा से पहले कक्षाओं में जाने की गुहार लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
#WATCH | Students wearing hijab denied entry to Govt PU College in Kundapur area of Udupi, Karnataka amid a row on wearing the headscarf in classrooms
— ANI (@ANI) February 4, 2022
"They were not wearing the hijab earlier & this problem started only 20 days ago," State Education Minister BC Nagesh has said. pic.twitter.com/3pT418rb0y
छात्राओं ने कट्टरता को कैंपस से बाहर रखने की भी अपील की है। कर्नाटक में हिजाब विवाद 1 जनवरी 2022 से शुरू हुआ. उस दिन उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में जाने से रोक दिया गया था। इसके बाद रेशम फारूक नाम की छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में ये कहते हुए याचिका दायर की कि हिजाब पहनने की अनुमति न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।
इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कर्नाटक सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है। हालांकि, जब तक कमेटी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती तब तक छात्राओं को कॉलेज के नियमो पालन करना होगा। प्रशासन ने माता-पिता को बताया कि छात्राएं परिसर में हिजाब पहनकर आ सकती हैं, लेकिन क्लास के अंदर उन्हें हिजाब उतरना होगा।
कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बयान दिया है कि किसी भी संस्थान में धर्म को शिक्षा से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पढ़ रहे छात्रों को न तो हिजाब पहनकर आना चाहिए और ना ही भगवा शॉल। ज्ञानेंद्र ने कहा कि किसी भी बच्चे को अपने धर्म का पालन करने के लिए स्कलू नहीं आना चाहिए यह एक ज्ञान का मंदिर है और यहां शिक्षा पाने की नीयत से आए।
गृहमंत्री ने कहा कि स्कूल एक ऐसी जगह है जहां सभी छात्रों को एक साथ रहकर शिक्षा ग्रहण करना चाहिए। दूसरी ओर कॉलेज की लड़कियों ने हिजाब प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा है कि प्रिंसिपल के परीक्षा से पहले प्रवेश से इनकार करने का कार्य उनके भविष्य को खतरे में डालेगा।
इस बीच, प्रिंसिपल का दावा है कि वह केवल स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हलदी श्रीनिवास शेट्टी के निर्देशों को लागू कर रहे थे, जिसमें कहा गया था कि कॉलेज को युनिफार्म में रहना चाहिए।