देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब काफी कमजोर पड़ चुकी है. वायरस से संक्रमण के मामले लगातार घटते दिख रहे हैं। मंगलवार को संक्रमण के 26 हजार मामले सामने आए और इसके साथ ही 252 मौतें दर्ज की गईं। इसके बाद दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक कोरोना वायरस अब महामारी नहीं रह गया है।
कोरोना अब महामारी नहीं रहा। सिर्फ आम खांसी, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारी की तरह होगा। हालांकि उन्होंने सावधान किया कि जब तक भारत में हर व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक सतर्क रहने की जरूरत है। जब तक देश के हर नागरिक को वैक्सीन नहीं लग जाती, तब तक सतर्क रहने की जरूरत है।
त्योहारों पर भीड़-भाड़ से बचना जरूरी है। मास्क लगाने और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना जरूरी है। डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि वायरस कहीं से भी फिर से फैल सकता है। इस दिशा में दुनिया को वैक्सीन बांटकर भारत अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। हालांकि कुछ वक्त के बाद बेहद बीमार, बुजुर्गों या कमजोर इम्युनिटी वालों को बूस्टर डोज दी जा सकती है। ये भी जरूरी नहीं कि बूस्टर उसी वैक्सीन का लगे जो किसी ने पहले लगवाई हो। कोई नई वैक्सीन लगवाकर भी बूस्टर का काम किया जा सकता है, हालांकि इस बारे में पहले एक पॉलिसी बनाई जाएगी।
उनका कहना है कि कुछ लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है। ये बूस्टर दूसरी वैक्सीन की भी लग सकती है। लेकिन इस पर फैसला लिया जाएगा, पहले सभी को वैक्सीन लगानी जरूरी है, फिर बूस्टर की बारी आएगी. डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि दिसंबर तक सभी को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार डॉ. गुलेरिया ने यह भी साफ किया है कि कोरोना महामारी पूरी तरह खत्म नहीं होगी। यही सामान्य सर्जी-जुकाम और वायरल बुखार के रूप में बनी रहेगी। जैसे-जैसे टीकाकरण और बढ़ेगा, कोरोना के नए केस घटते चले जाएंगे। लोगों में कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है। यही कारण है कि अब इस महामारी से मरने वालों की संख्या में भी तेजी से कमी गई है।