उन्नाव:- जनपद उन्नाव दूषित पानी बहाने वाली टेनरियो पर अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है। प्रदूषण विभाग ने सात टेनरियो पर 27.40 लाख का जुर्माना लगाया है। कुछ दिन पूर्व प्रदूषण विभाग ने नोटिस जारी की थी कि दूषित पानी को टेनरियो से न बहाया जाए। मोतीलाल नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान कराई गई जांच में टेनरियों से निकल रहे पानी में मानक से बीस गुना अधिक क्रोमियम एवं अन्य हानिकारक तत्व पाए गए थे। प्रदूषण विभाग की जांच से टेनरी संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
जनपद उन्नाव में कुछ ऐसी फैक्ट्रिया है जिसमें ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहे हैं ऐसे में फैक्ट्रियों से गंदा और दूषित पानी नालो में छोड़ा जा रहा है। प्रदूषण विभाग ने पहले भी नोटिस जारी की थी लेकिन टेनरी संचालको ने कोई ध्यान नहीं दिया वही प्रदूषण विभाग ने संज्ञान लेते हुए मोतीलाल नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान प्रयागराज के जरिए अभियान चलाकर जनपद की अलग-अलग टेनरियो से निकलने वाले पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा। जांच में लगभग सभी टेनरियो का पानी दूषित पाया गया जिसके बाद जांच के आधार पर टेनरी संचालकों के खिलाफ प्रदूषण विभाग ने 27.40 लाख का जुर्माना लगाया है। टेनरियों का पानी ड्रेन के लिए गंगा तक जाता है और टेनरी से निकलने वाले पानी में क्रोमियम की मात्रा पांच गुना अधिक मिली है। बीओडी, सस्पेंडेड सालिड, सीओडी की मात्रा भी हानिकारक स्तर पर पाई गई है। जिसके बाद जनपद की मैसर्स अलिग टैनरी पर 9.40 लाख, मैसर्स कैलिको टेंडस पर 8.40 लाख, मैसर्स सबा एक्सपोर्ट (एएस लेदर/किडको लेदर) पर 3.20 लाख, मैसर्स माडल एक्जिम पर 3.20 लाख, मैसर्स बंगाल लेदर्स वर्क्स (टेनरी डिवीजन) पर 2.20 लाख, मैसर्स जीबीएस टेनर्स पर 60,000, किंग्स इंटरनेशनल पर 40,000 का जुर्माना लगाया गया है। वहीं जिला प्रदूषण अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि सात टेनरी संचालकों के खिलाफ 27.40 लाख का जुर्माना लगाया गया है इसके साथ ही साथ अन्य टेनरियों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो भी दूषित पानी बिना ट्रीटमेंट के ड्रेन में बहाता पाया गया उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।