उन्नाव में दस करोड़ के टेंडर पर गृहण, अधिशासी अधिकारी बोले आचार संहिता के कारण हुई देरी

उन्नाव:- उन्नाव पालिका ने नगर के विकास के लिए दिसंबर माह में ई टेंडरिंग के जरिए दस करोड़ रूपये के टेंडर कराये थे लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई और समय अवधि समाप्त होने वाली है। जिससे ठेकेदारों की दिल धड़कनें तेज हो गई हैं। वहीं करोड़ों के टेंडर पर ग्रहण लगना बिल्कुल तय माना जा रहा है। उन्नाव नगर पालिका के विकास ले लिए दिसंबर माह में ई टेंडरिंग से ठेकेदारों ने निविदाएं डाली थी। जनवरी माह में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार सहिंता लागू हो गई जिसकी वजह से टेंडर की प्रक्रिया यूं ही पड़ी रही। चुनाव संपन्न होते-होते करीब दो माह बीत गये और उसके तुरंत बाद विधानपरिषद के चुनाव का डंका बज गया और अप्रैल तक आचार संहिता लागू कर दी गई। ऐसे में टेंडर खोले नहीं जा सके। लापरवाही और आचार संहिता के चलते ठेकेदारों को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है क्योंकि टेंडर प्रक्रिया का समय नब्बे दिनों का ही होता है। जो पूरा होने वाला है क्योंकि 16 अप्रैल तक आचार संहिता लागू है।

नगर पालिका गंगाघाट के अधिशासी अधिकारी नरेंद्र मोहन मिश्रा ने बताया कि विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के चलते टेंडर नहीं खोले जा सके। ई टेंडरिंग खोले जाने का समय करीब नब्बे दिन का होता है। ऐसे में खुद निरस्त होने की संभावना हो सकती है तो वही नगरपालिका में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदार अधर में लटके है। यहां पिछले तीन माह से कोई विकास कार्य न होने से परेशानी है। ठेकेदारों की माने तो उन लोगो ने टेंडर डाले है 90 दिनों में निरस्त हो जाते है 16 अप्रैल तक जनपद में आचार संहिता है। ऐसे में यदि टेंडर निरस्त होता है तो उनका काफी नुकसान होगा।

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