उन्नाव:- उन्नाव शहर कोतवाली क्षेत्र की कांशीराम कालोनी निवासी मुकेश की बेटी पूजा (22) आठ दिसंबर 2021 को लापता हो गई थी। मां रीता ने पूर्व राज्यमंत्री दिवंगत फतेह बहादुर सिंह के बेटे कल्याणी देवी निवासी अरुण कुमार उर्फ रजोल सिंह पर बेटी को अगवा करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद 10 जनवरी को पुलिस ने रजोल के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। आरोपी पर कार्रवाई न होने पर पूजा की मां ने 24 जनवरी को लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफिले के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था। मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने आरोपी रजोल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। साथ ही पुलिस की दो टीमें युवती की तलाश में जुटी थीं। कॉल डिटेल में पूजा व रजोल सिंह की नजदीकी की पुष्टि हुई थी। रजोल की कॉल डिटेल खंगालने के बाद पुलिस के हाथ हरदोई जिले के नयागांव मुबारकपुर निवासी सूरज सिंह का नंबर हाथ लगा। इस पर पुलिस ने वर्तमान में खजुरिहा बाग नई बस्ती में रहने वाले सूरज सिंह को उठाकर पूछताछ की तो उसने सब कुछ उगल दिया। दो महीने पहले लापता हुई युवती की हत्या कर शव को गड्ढे में दबा दिया गया। हत्या किसी और ने नहीं, युवती को अगवा करने के मामले में जेल भेजे गए पूर्व राज्यमंत्री के बेटे ने और सूरज सिंह ने मिलकर की थी। गुरुवार को पुलिस ने उसकी निशानदेही पर पूर्व राज्यमंत्री के प्लाट में बने गड्ढे से शव को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पूर्व राज्यमंत्री के बेटे ने युवती की किसी दूसरे से नजदीकी की आशंका पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को गड्ढे में दफना दिया था। इधर, गुरुवार रात एसपी दिनेश त्रिपाठी ने इस मामले में कोतवाली प्रभारी अखिलेश पांडेय को निलंबित कर दिया। साथ ही दर्ज एफआईआर में हत्या की धारा को भी बढ़ा दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि लड़की की मौत गला दबाने की वजह से हुई है। यही नहीं उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी मिली है और सिर में भी दो घाव के निशान हैं। लड़की का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के एक पैनल ने किया है जिसके बाद रिपोर्ट में यह बात सामने आई हैं।
पांच घंटे पोस्टमार्टम हाउस में चला हंगामा
उन्नाव जिले में पूर्व राज्यमंत्री के बेटे रजोल द्वारा युवती की हत्या की घटना में परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। बेटे को सरकारी नौकरी, घर, 25 लाख रुपए व दोषियों को फांसी की सजा की मांग कर पिता व मां ने लिखित मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट व एएसपी शशि शेखर सिंह को सौंपा। उन्होंने लिखित आश्वासन देने की मांग की। अधिकारियों के पैर पीछे करने पर परिजन दोबारा पोस्टमार्टम हाउस में ही बैठ गए। सफीपुर से कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी शंकरलाल गौतम के आने के बाद मामला तूल पकड़ गया। शंकरलाल गौतम ने राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए मृतका को अपने परिवार का बताकर हंगामा शुरू कर दिया। लेकिन वह न ही मृतका और न ही उसकी मां का नाम बता पाए। मृतका के पिता ने उनसे जाने के लिए कहा जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस प्रत्याशी को वहां से हटा दिया। मांगों को शासन में भेजने का आश्वासन देकर शव को अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया गया।

विधायक कुलदीप सिंह सेंगर प्रकरण की दुष्कर्म पीड़िता भी अपनी मां आशा सिंह के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंची और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया उनका कहना है कि यह घटना पुलिस की लापरवाही की वजह से हुई है और वर्तमान सरकार में महिलाओं को न्याय नहीं मिलता है कोई अधिकारी नहीं सुनता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवती के सिर पर दो गंभीर चोटें मिली हैं। गला घोटकर हत्या की पुष्टि हुई है।
