उत्तरी लेबनान की सामंथा हॉविक समुद्र में सूर्य नमस्कार करती हुई। जानें क्या हैं सूर्य नमस्कार के फायदे और किनके लिए है ये वर्जित।

शारीरिक और मानसिक स्थिति में काफी अंतर पाएंगे. सूर्य नमस्कार के द्वारा त्वचा रोग समाप्त हो जाते हैं अथवा इनके होने की संभावना समाप्त हो जाती है। इस अभ्यास से कब्ज आदि उदर रोग समाप्त हो जाते हैं और पाचन तंत्र की क्रियाशीलता में वृद्धि हो जाती है।

इस अभ्यास के द्वारा हमारे शरीर की छोटी-बड़ी सभी नस-नाडि़यां क्रियाशील हो जाती हैं, इसलिए आलस्य, अतिनिद्रा आदि विकार दूर हो जाते हैं।

बहुत से लोग सोचते हैं कि ‘सूर्य नमस्कार’, सिर्फ एक ऐसी योग एक्‍सरसाइज है, जो पीठ और आपकी मसल्‍स को मजबूत करती है। लेकिन लोग अक्सर यह महसूस करने में विफल रहते हैं कि यह आपके संपूर्ण फिजिकल सिस्‍टम के लिए एक अच्‍छा वर्कआउट है, जिसमें किसी उपकरण के उपयोग की आवश्यकता नहीं होती है।

यह हमें हमारे जीवन की थकाऊ और नीरस रूटीन से फ्री होने में भी मदद करता है। जब सही तरीके से और सही समय पर किया जाता है, तब सूर्य नमस्कार आपके जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है।

परिणाम दिखाने में थोड़ा अतिरिक्त समय लग सकता है, लेकिन आप जल्द ही अपनी त्वचा को पहले की तरह डिटॉक्सीफाई करते हुए पाएंगे। नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से आपकी मानसिक हेल्‍थ अच्‍छी रहती है जिससे आपकी रचनात्मकता, सहज क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता, नेतृत्व कौशल और आत्मविश्वास बढ़ता है।

सूर्य नमस्कार किसे करना है वर्जित –
गर्भवती महिला तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें ।
हर्निया और उच्च रक्ताचाप के मरीजों को सूर्य नमस्कार नहीं करने की सलाह दी जाती है ।
पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले उचित सलाह जरूर लें ।
सूर्य नमस्कार की तीसरी व पांचवीं स्थितियां सर्वाइकल एवं स्लिप डिस्क वाले रोगियों के लिए वर्जित हैं।

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