उत्तराखंड में सियासी हलचल के बीच उत्तराखंड के मुख्यमन्त्री तीरथ सिंह रावत ने दिया इस्तीफा मुख्यमंत्री ने पदभार संभालने के 4 महीने बाद ही दिया इस्तीफा। तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. 10 सितंबर तक उनका विधायक चुना जाना अनिवार्य था. बता दें कि तीरथ सिंह रावत मार्च में ही मुख्यमंत्री बने थे. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह उन्होंने ली थी. त्रिवेंद्र सिंह रावत का उनकी पार्टी में विरोध हो रहा था, जिसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने CM बदलने का फैसला किया था. त्रिवेंद्र सिंह रावत करीब चार साल तक राज्य की कमान संभाले रहे. जब तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया गया तो हर कोई चौंक गया क्योंकि वह सीएम की रेस में नहीं थे. तीरथ सिंह रावत पौड़ी लोकसभा से सांसद हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद 10 सितंबर तक उन्हें विधानसभा का चुनाव जीतना था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य में अगले साल चुनाव से ठीक पहले कार्यभार संभालने के बमुश्किल चार महीने बाद शुक्रवार को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
रावत कैबिनेट सहयोगियों के साथ लगभग 11 बजे राजभवन पहुंचे और गवर्नर बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसमें संवैधानिक प्रावधान का हवाला देते हुए उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा के लिए चुने जाने की आवश्यकता थी, और इसकी संभावना नहीं थी। रावत मार्च में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की वजह संवैधानिक संकट बताया है।