इस तरह हो रही ट्रेन के डिब्बों की सफाई, रिसाइकल कर गंदे पानी का फिर से होगा इस्तेमाल !

भारतीय रेलवे द्वारा लगातार सफाई और पर्यावरण के बचाव के लिये कदम उठाए जा रहे हैं। इसका एक उदाहरण है पश्चिम बंगाल में लगा ये ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट। भारतीय रेल दिन प्रतिदिन नई-नई टेक्नोलॉजी से ट्रेनों की आवाजाही से लेकर यात्रियों की सुविधा को जोड़ने का काम कर रही है।

साथ ही ट्रेनों के रखरखाव और सफाई के लिए अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी कड़ी में रेलवे ने ट्रेनों को मिनटों में साफ करने के लिए ऑटोमैटिक वॉशिंग प्लांट की मदद से ट्रेनों की सफाई मिनटों में हो जाती है। इस प्लांट को देशभर में लगाने का काम जोरो पर है।

ट्रेन वाशिंग प्लांट के माध्यम से स्वचालित ड्राइव को ईएमयू कार शेड, राणाघाट, पश्चिम बंगाल में चालू किया गया था। भारतीय रेलवे पर अपनी तरह के पहले संयंत्र को ईएमयू और एमईएमयू दोनों कोचों को धोने के लिए डिजाइन किया गया है।

पश्चिम रेलवे जोन ने कहा है कि उसने हमेशा विभिन्न तरीकों से हरित और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित किया है, चाहे वह भारतीय रेलवे की पुश एंड पुल परियोजना के माध्यम से हो या ऊर्जा बचाने और पर्यावरण के संरक्षण के लिए सौर पैनलों की स्थापना के माध्यम से हो।

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