इलेक्ट्रानिक व्हीकल्स में क्रांति ला सकती है सरकार द्वारा घोषित बैटरी स्वैपिंग पालिसी।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बजट (Budget 2022) में एक अहम घोषणा की गई। अगर आप भी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपके लिए यह एक अच्छी खबर है। अपने बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री ने एलान किया कि सरकार जल्द ही बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लेकर आएगी।

बैटरी स्वैपिंग सुविधा का फायदा यह होगा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) में बैटरी चार्जिंग की समस्या खत्म हो जाएगी। साथ ही कोई भी ईवी वाहन स्वामी अपनी डिस्चार्ज बैटरी के बदले फुल चार्ज बैटरी ले सकता है। इस पॉलिसी के तहत बैटरी चेंज करने की छूट मिलेगी। यानी की चार्जिंग स्टेशन पर जाकर डिस्चार्ज बैटरी को चार्ज करने के बजाय आप फुल चार्ज बैटरी ले सकते हैं।

दरअसल पिछले लंबे समय से सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। वहीं इस बजट में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के ऐलान के पीछे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना ही मुख्य मकसद है। सरकार के इस नीति के लाने से लोगों में इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने को लेकर झिझक दूर होगी।

निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 39.45 लाख करोड़ रुपये के बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट पेश करने के दौरान कहा कि सरकार चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए जगह की कमी को देखते हुए देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बैटरी की अदला-बदला नीति लाएगी।

नई नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑटोमोटिव उद्योग के विशेषज्ञ और ‘कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंडस्ट्रियल एंड लेबर’ में श्रम अध्ययन के निदेशक आर्थर व्हीटन ने कहा कि बैटरी की अदला-बदली नीति का विचार दिलचस्प है, लेकिन सरकार की बड़ी भागीदारी के बिना यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “प्रमुख कार कंपनियां बैटरी से जुड़ी अपनी तकनीक (या किसी भी तकनीक) को साझा नहीं करती हैं और विनिमेय बैटरियों का मतलब होगा कि देश भर में बहुत सारी निरर्थक बैटरी प्रभावी होंगी।”

बैटरी रिप्लेस करना यानी की बैटरी अब गाड़ी का एक अलग हिस्सा हो जाएगी। ऐसे में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतों में भी कमी आएगी। बेशक पिछले लंबे समय से इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए तमाम कदम उठाया जा रहा हो। लेकिन डिमांड में अच्छे बूस्ट मिलने की उम्मीद अब भी बरकरार है।

दरअसल इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत काफी ज्यादा होने के चलते लोग इसे खरीदने से पीछे हट रहे हैं। वो लोग भी कदम नहीं बढ़ा रहे हैं, जो इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदना चाहते हैं। इसके अलावा अलग-अलग शहरों में लीमिटिड चार्जिंग स्टेशन का होना भी इसके पीछे की अहम वजह है।लेकिन अब कहा जा रहा है कि, बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के बाद चीजें आसान हो जाएगी।

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