आरबीआई मौद्रिक नीति, सेंसेक्स 412 अंक चढ़ा क्योंकि आरबीआई ने नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा।

फरवरी की मौद्रिक नीति को ‘अनावश्यक रूप से दोविश’ के रूप में संदर्भित किया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने तब वित्त वर्ष 2013 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का औसत 4.5% होने का अनुमान लगाया था और इस प्रकार जब तक आवश्यक हो, अपने समायोजनात्मक रुख को बनाए रखने के लिए चुना था, मुद्रास्फीति पर विकास को प्राथमिकता देना जारी रखा था, और अपने संकट-स्तरीय मौद्रिक को सामान्य करने के कोई संकेत नहीं दिए थे।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के तहत वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मौद्रिक नीति का एलान किया जिसमें जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम करने के साथ महंगाई के अनुमान को बढ़ा दिया है। वहीं नीतिगत दरों में कोई बदलाव ना करते हुए रेपो रेट को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा है।

मोनेटरी पॉलिसी में नीतिगत दरों को यथावत रखने के साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाया है।

ये पहली तिमाही में 16.2% दूसरी तिमाही में 6.2%, तीसरी तिमाही में 4.1% और चौथी तिमाही में 4% रह सकती है। जबकि पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान है।

बता दें कि शुक्रवार के शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों शुरुआत से ही तेजी का रुख लिए रहे।हालांकि दिन में कारोबार के दौरान इनमें काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। लेकिन दोपहर के बाद दोनों में धीरे-धीरे तेज रफ्तार देखी गई और सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स-निफ्टी चढ़कर बंद हुए।

रिजर्व बैंक ने 11वीं बार भी नीतिगत दरों को समान स्तर पर बनाए रखा है। इससे पहले की 10 बैठकों के बाद भी रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट यानी की नीतिगत ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा गया था।

आरबीआई ने आखिरी बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में कटौती की थी, तब से ये 4% के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर बनी हुई हैं। साथ ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ग्राहक सेवाओं की समीक्षा करेगा। उन्होंने यूपीआई का इस्तेमाल कर एटीएम से बिना कार्ड (कार्डलेस) के निकासी की सुविधा का विस्तार सभी बैंकों के करने की भी घोषणा की।

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