आज बसंत पंचमी, जानें मां सरस्वती के पूजन विधि एवं सही मुहूर्त।


पौराणिक कथाओं के अनुसार मां सरस्वती का जन्म ब्रह्मा जी के स्तुति से हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन माता सरस्वती का जन्म हुआ था। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधि विधान से वीणा वादिनी मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

बसंत पंचमी पर सिद्धि योग और रव‍ि योग बन रहे हैं। दोनों ही योग शुभ माने जाते हैं और इनके साथ आने से पूजन और महत्‍वपूर्ण हो जाता है। इस दिन विधि- विधान से माता सरस्वती की पूजा- अर्चना की जाती है।

मां सरस्वती को विद्या और बुद्धि की देवी माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती के मंत्र, आरती और वंदना का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के दौरान इन मंत्रों, आरती और वंदना का पाठ करने से मिलता है बुद्धि का वरदान।

बता दें कि बसंत पंचमी को लेकर पौराणिक ग्रंथों में कई कथाएं मौजूद हैं। उपनिषदों में वर्णित एक कथा के अनुसार ब्रह्मा जी ने मनुष्यों के साथ सभी जीव जंतुओं की रचना की, लेकिन अपनी रचना से वे संतुष्ट नहीं थे।

इस समस्या के निवारण के लिए ब्रह्मा जी ने संकल्प स्वरूप अपने कंडल से जल छिड़ककर श्रीहरि भगवान विष्णु की स्तुति की, ब्रह्मा जी के तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उनके समक्ष प्रकट हुए और ब्रह्मा जी को निराश देख इसका कारण पूछा। ब्रह्मा जी ने बताया कि उन्होंने ऋष्टि की रचना की लेकिन चारों ओर घोर निराशा व मौन नजर आ रहा है, इसके लिए मुझे क्या करना चाहिए।

इस बार बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजन 05 फरवरी 2022, शुक्रवार को है। पंचमी तिथि 05 फरवरी, शुक्रवार को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 06 फरवरी, शनिवार को सुबह 03 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। बता दें इस दिन शाम 05 बजकर 40 मिनट तक सिद्धि योग बन रहा है, इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दौरान आप किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।

बसंत पंचमी पूजन विधि
इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें। मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें। मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें. केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा।

बसंत पंचमी पूजन: समय और शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी 2022 – 05 फरवरी 2022, शुक्रवार
पूजा का शुभ मुहूर्त – 07:07 AM से 12:35 PM तक
पंचमी तिथि प्रारंभ – 05 फरवरी, शुक्रवार तड़के 03:47 बजे से
पंचमी तिथि का समापन – 06 फरवरी, सुबह 03 बजकर 46 मिनट पर
सिद्धि योग – सुबह से लेकर शाम 05:42 तक
रवि योग – शाम 04:09 बजे से 06 फरवरी को सुबह 07:06 तक

इस मंत्र का करें जाप
हल्दी की माला से मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप करें। शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसकोठीक किया जा सकता है।

Share It