मैनपुरी ज़िले की इसी सीट से समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। मंगलवार को इस सीट के लिए नामांकन का आखिरी दिन था, लेकिन कांग्रेस की उम्मीदवार ने यहां से नामांकन दाखिल नहीं किया। कांग्रेस ने करहल सीट पर पहले ही उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी।
पार्टी ने यहां से ज्ञानवती यादव को टिकट दिया था, लेकिन अब उनसे टिकट वापस ले लिया गया है। इस सीट पर तीसरे चरण में मतदान होना है। वहीं, जसवंतनगर सीट पर कांग्रेस ने किसी को भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया था और कांग्रेस ने कहा अब हम उस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
करहल और जसंवतनगर दोनों ही सीट पर सपा को कांग्रेस समर्थन करेगी। दरअसल यह शिष्टाचार दोनों ही पार्टियों की ओर से देखने को मिलता है। बता दें कि संसदीय चुनावों में समाजवादी पार्टी अमेठी और रायबरेली से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारती है।
साल 2017 में दोनों पार्टियों ने भाजपा को हराने के लिए गठबंधन में चुनाव लड़ा था, लेकिन मोदी लहर सब कुछ बहा ले गई। साल 2017 के चुनाव परिणाम को देखते हुए ही शायद दोनों पार्टियों ने इस बार गठबंधन नहीं किया है।
समाजवादी पार्टी काम 2009 के लोकसभा चुनाव से कर रही है। इसके बाद से ही कांग्रेस ने भी सपा मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ में अखिलेश यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं दिया था।
इतना ही नहीं कन्नौज सीट पर भी डिंपल यादव के खिलाफ किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया था। इससे पहले एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि यदि अखिलेश यादव को सरकार बनाने के लिए कुछ सीटें कम पड़ती हैं तो कांग्रेस को समर्थन करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। प्रियंका गांधी ने कहा था कि ‘यदि ऐसी परिस्थितियां आई तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई दिक्कत होगी।