21 नवंबर (रविवार) को भारतीय नौसेना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में प्रोजेक्ट 15बी के पहले स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम को चालू करके इतिहास रचेगी।
स्वदेशी स्टील DMR 249A का उपयोग करके निर्मित यह विशाल जहाज भारत में निर्मित सबसे बड़ा विध्वंसक है जिसकी कुल लंबाई 163m और विस्थापन 7400 टन से अधिक है। हम 21 नवंबर को आईएनएस विशाखापत्तनम के चालू होने के लिए तैयार हैं। हमारी स्वदेशी सामग्री आज सबसे अधिक है।
कमीशनिंग के बाद हम कुछ और परीक्षण जारी रखेंगे और बेड़े के साथ एक होंगे। आईएनएस विशाखापत्तनम के कमांडिंग ऑफिसर (पदनाम) कैप्टन बीरेंद्र सिंह बैंस ने कहा। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ”विशाखापत्तनम” और ”वेला” की कमीशनिंग जटिल लड़ाकू प्लेटफॉर्म बनाने की स्वदेशी क्षमता को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख मील के पत्थर हैं।

यह उपरोक्त पानी और पानी के भीतर दोनों क्षेत्रों में खतरों को दूर करने के लिए हमारी क्षमता और मारक क्षमता को बढ़ाएगा। कमीशनिंग समारोह, ”आज़ादिका अमृत महोत्सव” और ”स्वर्णिम विजय वर्ष” समारोहों के साथ भी मेल खाते हैं।
भारतीय नौसेना का कहना है कि विशाखापत्तनम और वेला के शामिल होने से न केवल हमारी रक्षा तैयारियों में वृद्धि होती है, बल्कि 1971 के युद्ध के दौरान राष्ट्र की स्वतंत्रता और हमारे बहादुर सैनिकों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदान के प्रति हमारी विनम्र श्रद्धांजलि भी है।