हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कार निर्माताओं को अगले छह महीने के भीतर वाहनों में फ्लेक्सिबल-फ्यूल इंजन लगाने की सलाह दी है।
बता दें कि ‘फ्लेक्स-फ्यूल इंजन’ एक आंतरिक दहन इंजन है जो एक से अधिक प्रकार के ईंधन और मिश्रण पर भी चल सकता है। ऐसे इंजन में आमतौर पर, पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का उपयोग किया जाता है।
सीधे शब्दो में समझे तो फ्लेक्स अंग्रेजी के Flexible शब्द से बना है, जिसका मतलब ऐसा इंजन जो बिना किसी दिक्कत के दूसरे ईधन से चल सकता हो।
वर्तमान समय में इस इंजन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल ब्राजील में किया जा रहा है। वहीं भारत की बात करें तो इस इंजन के लिए ईंधन इथेनॉल और मेथेनॉल को मिलाकर बनाया जा सकता है।
गडकरी ने कहा कि उन्होंने फ्लेक्स-फ्यूल इंजन की एक फाइल पर हस्ताक्षर किए जो कार निर्माताओं को अपने वाहनों के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाने की सलाह देते हैं।
भारतीय कार बाजार में BS6 कंम्पलाइट इंजन को चलन में लाने के बाद अब सरकार लगातार फ्लेक्सिबल-फ्यूल इंजन पर जोर दे रही है।
गडकारी ने सूचना दी थी कि सरकार अगले छह महीनों में भारत में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन को शुरू करने के लिए आदेश जारी करने पर विचार कर रही है, और अब उन्होंने हाल ही में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन की एक फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें कार निर्माताओं को ऐसे इंजन पेश करने की सलाह दी गई है जो 100% इथेनॉल या पेट्रोल पर चल सकते हैं।
कार निर्माताओं को इस तकनीक को पेश करने के लिए छह महीने की अवधि दी गई है।